تاریخچه ی:
نظریه برخورد
تفاوت با نگارش: 1
- | __نظریه برخورد (Collision theory)__
|
+ | __نظریه برخورد__ (__Collision theory__) |
| |
| | __فهرست مقالات نظریه برخورد __ | | __فهرست مقالات نظریه برخورد __
- |
| |
|
| |
|
| | | |
| | __مباحث علمی__ | | | __مباحث علمی__ |
| | __مباحث کاربردی و تجربی__
| | | __مباحث کاربردی و تجربی__
|
| | | |
| | | |
| | ((قوانین پایستگی و برخورد)) | | | ((قوانین پایستگی و برخورد)) |
| | ((برخورد ذرات هستهای)) | | | ((برخورد ذرات هستهای)) |
| | | |
| | | |
| | ((ضربه نیرو)) | | | ((ضربه نیرو)) |
| | ((برخورد ذرات باردار با ماده)) | | | ((برخورد ذرات باردار با ماده)) |
| | | |
| | | |
| | ((برخورد کشسان)) | | | ((برخورد کشسان)) |
| | ((برخورد ذرات خنثی با ماده)) | | | ((برخورد ذرات خنثی با ماده)) |
| | | |
| | | |
| | ((آونگ بالستیک)) | | | ((آونگ بالستیک)) |
- | | ((آزمایش پراکندگی موج توسط پتانسیل|آزمایش پراکندگی موج)) |
+ | | ((آزمایش پراکندگی موج)) |
| | | |
| | | |
| | ((سطح مقطع برخورد)) | | | ((سطح مقطع برخورد)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((احتمال برخورد)) | | | ((احتمال برخورد)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((ضریب جهندگی)) | | | ((ضریب جهندگی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((فرکانس برخورد)) | | | ((فرکانس برخورد)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((برخورد مولکولی)) | | | ((برخورد مولکولی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
- | | ((بخورد غیر کشسان)) |
+ | | ((بخورد غیر کشسان)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((برخورد کلاسیکی)) | | | ((برخورد کلاسیکی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((برخورد نسبیتی)) | | | ((برخورد نسبیتی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((پراکندگی رادرفورد)) | | | ((پراکندگی رادرفورد)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((نظریه برخورد کوانتومی)) | | | ((نظریه برخورد کوانتومی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
- | | ((جابه جایی فاز در برخورد کوانتومی)) |
+ | | ((جابجایی فاز در برخورد کوانتومی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
- | | ((پراکندگی کشسان و نا کشسان کوانتومی|پراکندگی کوانتومی)) |
+ | | ((پراکندگی کوانتومی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
- | | ((پراکندگی کوانتومی در انرژیهای پایین)) |
+ | | ((پراکندگی کوانتومی در انرژی پایین)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((فرمول بریت ویگنر)) | | | ((فرمول بریت ویگنر)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((دامنه پراکندگی و انرژی بستگی)) | | | ((دامنه پراکندگی و انرژی بستگی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((پراکندگی وابسته به اسپین)) | | | ((پراکندگی وابسته به اسپین)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((تقریب بورن)) | | | ((تقریب بورن)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((پراکندگی ذرات یکسان)) | | | ((پراکندگی ذرات یکسان)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((پراکندگی از اتمهای شبکه)) | | | ((پراکندگی از اتمهای شبکه)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((جذب تابش در ماده)) | | | ((جذب تابش در ماده)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((ضریب جذب جرمی)) | | | ((ضریب جذب جرمی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((واپاشی در رهیافت ویگنر)) | | | ((واپاشی در رهیافت ویگنر)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((معادله لیپمن شوینگر)) | | | ((معادله لیپمن شوینگر)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((قضیه اپتیکی)) | | | ((قضیه اپتیکی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((تقریب ایکونال)) | | | ((تقریب ایکونال)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
- | | ((روش پاره موجها)) |
+ | | ((روش پاره موجها)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((پراکندگی انرژی پایین)) | | | ((پراکندگی انرژی پایین)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((پراکندگی تشدیدی)) | | | ((پراکندگی تشدیدی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((تقارن در پراکندگی)) | | | ((تقارن در پراکندگی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((فرمول زمانی پراکندگی)) | | | ((فرمول زمانی پراکندگی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((پراکندگی ناکشسان الکترون-اتم)) | | | ((پراکندگی ناکشسان الکترون-اتم)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | ((پراکندگی کولنی)) | | | ((پراکندگی کولنی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
- | | ((تغیییر بی درو و فاز هندسی)) |
+ | | ((تغیییر بیدررو و فاز هندسی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
- | | ((واپاشیهای غیر نمایی)) |
+ | | ((واپاشی غیر نمایی)) |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | | | | |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | | | | |
| | | | | |
| | | |
| | | |
| | | | | |
| | | | | |
| | | |
| َ | | َ |
| | | | |
|
| + |
|
| + |
| + | |
| + | | |
| + | ||نظریه برخورد همانگونه که از نامش پیداست، به بررسی برخورد ذرات مختلف با یکدیگر میپردازد. بسیاری از سؤالات مربوط به برخورد را میتوان با استفاده از ((قوانین بقای فیزیک|قوانین بقا)) جواب داد.|| |
| + | |
| + | |
| + | | |
| + |
|
| + | !مقدمه |
| + | چون قوانین بقا در ((مکانیک کوانتومی)) نیز معتبر هستند، لذا نتایجی که از استعمال آنها حاصل میشود که در مورد ذراتی با اندازههای اتمی و ((ذرات زیراتمی|زیراتمی)) و کلان نیز معتبر است. در بیشتر مسائل برخورد ، ذرات برخورد کننده با سرعت ثابت حرکت میکنند و مدتی قبل از برخورد و بعد از آن تحت تأثیر هیچگونه نیرویی قرار نمیگیرند، در حالی که به هنگام برخورد ، تحت تأثیر نیروهایی هستند که بر یکدیگر وارد میکنند.
بنابراین از آنچه گفته شد، میتوان نتیجه گرفت که برخورد را میتوان با توجه به نوع و اندازه ذرات برخورد کننده مورد مطالعه قرار داد. به عنوان مثال ، در برخورد دو ذره با اندازههای بزرگ ، برخورد و تماس ذرات با یکدیگر کاملا اتفاق میافتد، در صورتی که در برخورد ذرات باردار اصلا تماسی بین ذرات صورت نمیگیرد، بلکه ذرات در اثر نیروهایی که به یکدیگر وارد میکنند، از کنار یکدیگر پراکنده میشوند. بنابراین ، در حالت کلی برخورد را میتوان از دو دیدگاه ((مکانیک کلاسیک)) و مکانیک کوانتومی مورد مطالعه قرار داد. |
| + | !نظریه برخورد از دیدگاه مکانیک کلاسیک |
| + | دو ذره با اندازههای معمولی را در نظر میگیریم که در حالت کلی به طرف یکدیگر در حال حرکت هستند. ذرات بعد از برخورد با یکدیگر در مسیرهای متفاوت پراکنده میشوند. در این حالت اگر نیروهای متقابل به هنگام برخورد ، تابع ((قوانین نیوتن|قانون سوم نیوتن)) باشند، ((اندازه حرکت خطی)) کل ذرات قبل از برخورد و بعد از برخورد برابر خواهد بود. اگر قانون سوم نیوتن بصورت دقیقش معتبر باشد، ((اندازه حرکت زاویهای)) کل نیز بقا خواهد داشت (بقای اندازه حرکت زاویهای).
هچنین اگر نیروهای متقابل ((نیروی پایستار|پایستار)) باشند، (به عنوان مثال ((نیروی اصطکاک)) یا ((نیروی ناپایستار|نیروهای غیرپایستار)) دیگر وجود نداشته باشد) ، ((انرژی جنبشی)) ثابت خواهد بود (چون ((انرژی پتانسیل)) قبل و بعد از برخورد یکسان است). در هر حال ، اگر تمام انرژی و اندازه حرکت خطی و زاویهای از جمله آنچه را که با تمام تشعشعات صادر شده از دستگاه و تمام انرژیهایی که از صورت جنبشی به صورتهای دیگر و بالعکس تبدیل میشوند، همراه است، در نظر بگیریم، قوانین بقا همیشه معتبر خواهند بود.
شایان ذکر است که آنچه در مورد برخورد ذرات در مکانیک کلاسیک گفته شد، در حالت کلی است. به عبارت دیگر ، برخورد در مکانیک کلاسیک را میتوان با توجه به ابعاد سیستم مورد بررسی قرار داده و نیروهای متقابل بین ذرات برخورد کننده را بصورت مبسوط شرح داد. |
| + | !انواع برخورد در مکانیک کلاسیک |
| + | !!برخورد الاستیک |
| + | در این حالت اندازه حرکت خطی دو ذره ، قبل و بعد از برخورد بقا خواهد داشت و علاوه بر آن انرژی جنبشی نیز ثابت خواهد بود و ذرات بعد از برخورد متناسب با جرم خود و سرعت قبل از برخورد پراکنده میشوند. در این حالت هیچگونه نیروی تلف کننده یا غیرپاستیاری وجود ندارد. |
| + | !!برخورد غیرالاستیک |
| + | اگر یکی از نیروهای متقابل بین ذرات برخورد کننده ، غیرپاستیار باشد، در این صورت انرژی جنبشی قبل از برخورد و بعد از برخورد یکسان نخواهد بود و بسته به علامت تفاضل انرژی جنبشی قبل از برخورد و بعد از برخورد ، برخورد انرژیگیر یا انرژیزا خواهد بود. در این حالت فقط اندازه حرکت بقا خواهد داشت. |
| + | !!برخورد غیرالاستیک کامل |
| + | اگر ذرات در اثر برخورد به یکدیگر چسبیده و بعد از برخورد به همراه یکدیگر مانند یک جسم حرکت کنند، برخورد را غیرالاستیک کامل میگویند. به عنوان مثال ، تکه چوبی را در نظر بگیرید که بوسیله دو تکه ریسمان از محلی آویخته شده است، اگر گلولهای را به طرف این تکه چوب شلیک کنیم، گلوله در داخل تکه چوب قرار میگیرد و بعد از برخورد این دو با هم حرکت میکنند. |
| + | !برخورد در مکانیک کوانتومی |
| + | ساختار اتم و مولکول بیشتر از طریق ((طیف نمایی)) کند و کاو شده است. برای درک ((نیروی هستهای|نیروهای هستهای)) و قوانین حاکم بر ((برهمکنش ذرات بنیادی|برهمکنشهای بین ذرات بنیادی)) ، تنها تکنیک قابل استفاده ، پراکندگی ذرات گوناگون بوسیله هدفهای مختلف است. به عنوان مثال ، ((رادرفورد)) برای مطالعه ساختار اتمی ابتدا صفحه طلا را بوسیله ((ذره آلفا|ذرات آلفا)) مورد بمباران قرار داد و با مطالعه ذرات پراکنده شده ، به مطالعه ساختار اتمها پرداخت.
اتمی را در نظر بگیرید که در حالت پایه خود قرار دارد. اگر این اتم به نحوی (مثل گرم کردن) تحریک شود و به ترازهای بالاتر برانگیخته شود، بعد از مدت کوتاهی با صدور یک ((فوتون)) به حالت پایه خود برمیگردد. این فرآیند را پراکندگی یا برخورد نمیگویند، بلکه این فرآیند تنها یک فرآیند تحریک است، اما در هستهها و ((ذرات بنیادی)) چون طول عمر ذرات به حد کافی طولانی نیست، لذا تفکیک بین پراکندگی و ((واپاشی پرتوزا|واپاشی)) تقریبا غیر ممکن است. |
| + |
|
| + |
| + | |
| + | | |
| + | {picture=ratherfor_scatt.JPG} |
| + | |
| + | |
| + | | |
| + | !سطح مقطع برخورد |
| + | در مورد ذرات با ابعاد اتمی و زیراتمی چون اندازه ذرات برخورد کننده بسیار کوچک است، بنابراین با تعریف کمیتی به نام سطح مقطع برخورد ، این فرآیند مورد مطالعه قرار میگیرد. شیوه ایدهآل صحبت از پراکندگی ، فرمولبندی کردن معادلاتی است که آنچه را که اتفاق میافتد، دقیقا توصیف میکنند. از طرف دیگر ، چون بر اساس ((موج دوبروی|نظریه دوبروی)) به هر ذره مادی یک حالت موجی نیز نسبت میدهیم، بنابراین نزدیک شدن ذره فرودی به ذره هدف را به صورت یک __بسته موجی__ تعریف میکنیم که به آن نزدیک میشود.
بسته موج باید از لحاظ فضایی بزرگ باشد، بطوری که در طول آزمایش بطور محسوس پهن نشود و باید در مقایسه با ذره هدف بزرگ ولی در مقایسه با ابعاد آزمایشگاه کوچک باشد، یعنی نباید همزمان هدف و آشکارساز را همپوشی کند. ابعاد جانبی در واقع از اندازه باریکه در ((شتاب دهنده ذرات|شتاب دهنده)) تعیین میشوند. در آنجا برهمکنش با هدف صورت میگیرد و سرانجام دو بسته موج میبینیم. یکی از آن دو که مستقیم به جلو میرود و قسمت پراکنده نشده باریکه فرودی را تشکیل میدهد و دیگری تحت زاویهای پراکنده میشود و ذرات پراکنده شده را توصیف میکند.
تعداد ذرات پراکنده شده به درون زاویه فضایی مفروض ، در واحد زمان و واحد شار فرودی ، به عنوان __مقطع پراکندگی دیفرانسیلی__ تعریف میشود. بهعبارت دیگر ، در اطراف ذره هدف سطحی تعریف میشود که اگر ذره فرودی به داخل این سطح وارد شود، برخورد صورت میگیرد، در غیر این صورت ، برخورد ، وجود نخواهد داشت. این سطح فرضی به عنوان __سطح مقطع برخورد__ معروف است. |
| + | !مثالی از برخورد کوانتومی |
| + | یک نمونه بسیار بارز از اینگونه برخورد ، ((اثر کامپتون|پراکندگی کامپتون)) میباشد. در این حالت تابشی با ((طول موج)) مفروض به یک ورقه فلزی تابانده میشود. این باریکه را طبق ((نظریه پلانک)) میتوان به صورت فوتونهایی با انرژی hv در نظر گرفت. بنابراین ((فوتون)) با الکترون در حال سکونی در داخل اتم برخورد میکنند. بعد از برخورد یک فوتون پراکنده و یک فوتون پسزده شده، خواهیم داشت (((اثر فتوالکتریک))). روابط مربوط به این پدیده را با لحاظ کردن قوانین بقای اندازه حرکت و انرژی میتوان بدست آورد. |